हम हैं देश के प्रति समर्पित योद्धा!
हमारा युद्ध सूखे से, जल संकट से...
ग्रीन थंब की स्थापना 1993 में भारतीय सेना से निवृत्त कर्नल श्री सुरेश पाटील व्दारा की गई| सेना में पच्चीस साल भारत माता की सेवा करने के बाद कर्नल सुरेश पाटील ने निवृत्ति के बाद भी भारत माता की सेवा करने का व्रत अखंड रखा| यह संकल्पित सेवा थी पर्यावरण के क्षेत्र में| इसलिए स्थापना के समय ही ग्रीन थंब ने अपना उद्दिष्ट निर्धारित किया था की ग्रीन थंब भूमि, जल और वृक्षों को माध्यम बनाकर देश की सेवा करेंगे, सृष्टि का बिगड़ा हुआ संतुलन फिर से स्थापित करने के लिए कार्य करते रहेंगे| उनके साथ सहकारी भी जुड़े उन्ही की तरह समर्पित भाव रखने वाले.
ग्रीन थंब के पर्यावरण योद्धा
कर्नल सुरेश पाटील
कर्नल लक्ष्मण साठे
कर्नल अजित देशपांडे
कमांडर रविन्द्र पाठक
कर्नल एस के सिंग
श्री शरद मांडे
खडकवासला बांध पुनरुज्जीवन परियोजना से ग्रीन थंब का नाम हर स्तर पर पहुंचा है| इसके साथ ही ग्रीन थंब ने पर्यावरण रक्षण, संवर्धन और जनजागृती के कई उपक्रम चलाए हैं|
- अब्दुल हामिद पक्षी तीर्थ: पुणे शहर में नगर रोड पर आगाखान पैलेस के सामने डेढ़ लाख पृक्ष लगाए गए|
- टेम्बलाई पक्षी तीर्थ: कोल्हापुर शहर के टेम्बलाई परिसर में डेढ़ लाख वृक्ष लगाए गए|
- बोगरा नाला पार्क : पुणे कैंटोनमेंट एरिया में रेसकोर्स परिसर में स्थित गन्दगी और मैल से भरे इस नाले को सुन्दर लैंडस्केप गार्डन में परिवर्तित किया गया|
- भैरोबा नाला सौन्दर्यीकरण: पुणे महानगर पालिका के साथ इस परियोजना को पूर्ण किया गया| कोंढवा से वानवडी के दौरान भैरोबा नाला जल प्रदुषण से मुक्त किया गया, जिससे नाले में साफ पानी बहने लगा| नाले में कई उपयुक्त पेड़ लगाए गए, परिसर में जॉगिंग ट्रैक, गार्डन, वाॅॅकिंग प्लाजा बनाए गए|
- पंजाब में फिरोजपुर, जालंधर, कासु बेगू, महाराष्ट्र में अहमदनगर, देवलाली, मध्य प्रदेश में जबलपुर (भेडाघाट) में नाला पार्क ग्रीन थंब बनाए गए|
- पर्यावरण संवर्धन के लिए कई चित्रकला स्पर्धाएं, निबंध स्पर्धाएं, फोटोग्राफी स्पर्धाओं का आयोजन किया गया|